Thursday 3 January 2019

नानीजी

वर्ष 2019 के आते ही घर की बुजुर्ग पीढ़ी की जमात का आखिरी सदस्य शांत हो गया| नानी सास के रूप में मिले एक प्यारे से रिश्ते ने वर्ष के अंतिम दिन, अंतिम सांस ली| उनके आदर्शों और प्रेरणाओं का स्मरण करते हुए श्रद्धांजली देती हुई यह मेरी पंक्ति....








अधर सुसज्जित सदा रहे, सुंदर सरल मुस्कान से …
प्रेम, समर्पण, पर-उपकार, सदा जीवन के अभिमान थे!!

जप-तप, जब तब व्रत-उपवास, 
श्रम, नियम और दान उल्लास...
जन्म को ही उपादान मिले!!

ममता, नम्रता से प्रतत हो, 
आदर्श स्मृति में अंक गए…

'नानी', व्यक्तित्व वृहद तुम्हारा, इक गुण का ही वरदान मिले,
सफल श्वास सब हो जाये, चिंतन को नव प्राण मिले!!

मन, वचन और श्रद्धा से, कर नमन यह मांग रहे..
हे ईश!!
जीवन जीवट जो पूर्ण हुआ, 
उसे परलोक में भी मान मिले,
चिरशांति, मोक्ष प्रतिदान मिले!!


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