विस्मित हुई भूमिका आज दुखी है, मौन है... मौन के साथ शहीद हनुमनथप्पा को श्रद्धांजलि देती मेरी यह पंक्ति...
वीर
लिया आसमां ने बुला तुझको,
थी वसुधा की भी चाह यही....
थी वसुधा की भी चाह यही....
चला वीर वो हुआ विदा,
नई वीरता की मिसाल रचा...
नई वीरता की मिसाल रचा...
भारती का तिलक बन,
मस्तक पर दिया ओज सजा...
मस्तक पर दिया ओज सजा...
परलोक में भी बनी रहे,
यही वीरता यही अडिगता..
यही वीरता यही अडिगता..
अमर रहेगा तू सदा...
तेरा गिरी, न गिर, कुछ बिगाड़ सका..
तेरा गिरी, न गिर, कुछ बिगाड़ सका..
तेरी शहादत को नमन बाँकुरे,
तेरे प्रण को वंदन सदा सदा!!!
तेरे प्रण को वंदन सदा सदा!!!